मरदह क्षेत्र – हाय रे बिजली रानी कहा गई

संदीप प्रताप सिंह
गाज़ीपुर मरदह ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की बदहाल व्यवस्था अब तक नहीं सुधरी है, नतीजा किसानों को न तो सिंचाई के लिए बिजली मिल पा रही है और ना ही उनके घरों में रोशनी हो पा रही है। घरेलू और सिंचाई के लिए बिजली सप्लाई की समय-सीमा निर्धारित है बावजूद इसके गांवों में 5 से 8 घंटे तक बिजली ही मिल पा रही है। गेहूं की सिचाई के लिए किसान परेशान है मगर बिजली ना के बराबर मिल रही है कड़ाके के ठंड में बिजली दिन में भी नहीं मिल पा रही दिन में कौटती का आलम ये है की लोग बार बार टुबेल ही खोलने में ही परेशान हो जा रहे है बिजली आती है बस दर्शन दिखा के चली जाती है जिससे लोग परेशान बने हुए हैं। इधर बिजली कंपनी के अफसर एक ही बात कहते नजर आ रहे हैं कि फॉल्ट के कारण बिजली बंद करनी पड़ रही है। कोई क्षेत्रीय नेता बिजली के संकट से किसानो को निजात नहीं दिला पा रहे है
मरदह क्षेत्र के कई गांवों में बिजली संकट अब भी बरकरार है, यहां के कई गांव ऐसे है। जिनमें बराबर बिजली सप्लाई नहीं की जा रही है। बिजली कटौती से परेशान लोगों ने अब शिकायतें करना ही छोड़ दिया है, क्योंकि ग्रामीणों को हर बार एक ही जवाब कंपनी के अफसरों की तरह से दिया जाता है कि लाइन फॉल्ट है। जिससे किसान व ग्रामीण बुरी तरह से परेशान है। गांवों में बिजली सप्लाई का शेड्यूल 18 घंटे का है। लेकिन गांवों में महज 7 से 8 घंटे की बिजली सप्लाई दी जा रही है। जिससे ग्रामीणों के बिजली संबंधी अधिकतर काम गांवों व कस्बों मे नहीं हो पा रहे है। साथ ही ट्यूबवेल न चलने से कई बार ग्रामीणों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है। गांवों की स्थिति को ठीक करने के लिए सरकार ने अब तक कोई प्रभावी योजना तैयार नहीं की है, जिससे की गांवों में हो रही बिजली कटौती की समस्या से बचा जा सके।
संदीप प्रताप सिंह
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